सांस्कृतिक धरोहर
रोहिणा में सांस्कृतिक धरोहर का महत्व और भूमिका
पर्यटन को बढ़ावा
रोहिणा की सांस्कृतिक धरोहर पर्यटकों को आकर्षित कर गांव की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाती है।
गांव के गौरव का प्रतीक
यह धरोहर रोहिणा की विशिष्टता और ऐतिहासिक गौरव का प्रतीक बनकर गांव का मान बढ़ाती है।

गणगौर
- विवरण:
गणगौर राजस्थान का प्रसिद्ध पर्व है, जिसमें महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। इसे सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
महत्व:
गांव की महिलाओं के लिए यह सामूहिकता और सांस्कृतिक परंपरा को बनाए रखने का माध्यम है।

होलिका दहन व गैर-डांडिया
विवरण
होली रंगों और उल्लास का त्योहार है, जो पूरे गांव को एकजुट करता है। लोग रंग खेलते हैं और मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं।
महत्व
होली सामाजिक एकता और भाईचारे का प्रतीक है और पारिवारिक रिश्तों को मजबूत बनाती है।

जल झूलनी एकादशी
विवरण
जल झूलनी एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा और तालाबों में दीप प्रवाहित करने का पर्व माना जाता है। इस दिन भक्त झूलों पर भगवान की मूर्ति को रखकर पूजा करते हैं।
महत्व
यह पर्व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है और सामूहिक रूप से जल स्रोतों के महत्व को दर्शाता है।

राजस्थानी तीज
विवरण
राजस्थानी तीज महिलाओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हरियाली तीज और कजली तीज के रूप में मनाया जाता है। महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सजकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। झूले, मेहंदी, गीत-संगीत और लोकनृत्य इस त्यौहार का अभिन्न हिस्सा हैं।
महत्व
राजस्थानी तीज न केवल महिलाओं की खुशी और सामूहिकता का प्रतीक है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का माध्यम भी है.